आज का नव युवान
जवानी के घोड़े पे सवार,
सुंदरता कि चाहत,
प्यार कि प्यास और
जिंदगी की दहलीज पे
खड़ा, लडखडा ते हुए
जिवन जी रहा है ।
आज का नव युवान,
जवानी के जोश में
महोल के नशे में चूर
जरूर को भूलाकर
बनी जरूरी बातो में
उलझ कर समतुलन
खोकर गलत राह पे
जिंदगी को ले चला है ।
एसे राह भूले
नव युवान को
अगर मेरा संदेश
सही राह पे ला शके
तो मै खुदको बहुत
खुसनसीब समझुगा ।
सुधार-संदेश
” आज के नव युवानो,
आपका वक्त जिवन
निर्माण का सुवर्ण युग है ।
आप की मौज-मस्ती की
गलत राह विकास नही
विनास की और ले जाएगी ।
बाद में सब कुछ लुटा के
होश में आओगे तो फिर क्या ?
आज के नव युवान,
अभी भी वक्त है संभल जाओ
होश में आओ और विकासकी
सही राह चुनलो ।
जवानी और जमाने के
फंदे मे न आओ ।
भविष्य और मात पिता
के अरमानो का ख्याल करो । ”
विनोद आनंद 20/08/2016 फ्रेन्ड, फिलोसोफर, गाईड