सभी भारतियों को १५ अगस्त
स्वातंत्र्य दिन पर मेरी शुभ
कामनाए । देश के प्रति मेरा
प्रेम और निष्ठा का प्रति मेरी
कविता ” मैं सेवक देश का “
करता हूँ अर्पण
मैं सेवक देश का
मुझे देश सेवा करनी है ।
भारत मेरा देश,
दिल में है जज्बात ,
मन में है अरमान,
होठों पे है गीत देशभक्ति के,
आंखो में सपना सेवा का ।
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है ।
जन सेवा ये देश सेवा
मुझे जन सेवा करनी है
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है ।
जन्म मीला है भारत में
खुश किस्मत हूँ मैं
करता हूँ वादा
जन्मो जन्म भारत में
जन्म लेना का ।
मैं सेवक देश का
मुझे देश सेवा करनी ।
पहेली बडी देश सेवा
है ईन्सान बनने कि
कोशिश करता रहेता हूँ
ईन्सान बनने कि ।
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है
दूसरी बडी सेवा है,
निष्टा से काम करने कि
कोशिश करता रहेता हूँ
निष्ठा से काम करने कि
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है ।
कोशिश करता हूँ
सब से बडी देश सेवा
ईन्सानयत और निष्ठा का
पाठ शीखाने कि बच्चों को
विद्यालय में जाके ।
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है ।
प्रेम है मुझे
भारत देश
से गर्व है भारत देश पर,
मैं इज्जत का रक्षक
स्वतंत्रता का रखवाला ।
मैं सेवक देश का ।
मुझे देश सेवा करनी है ।
जिस देश में ईन्सान
हो, वो देश है महान ।
कोशिश है मेरी ईन्सान
बनाने कि होगी कामीयाब ।
मै सेवक देश का,
मुझे देश सेवा करनी है ।
साथ चाहता हूँ सबका
साथ दे मुझे, हाथ बँटाए ।
आओ देश को बनाए महान
मै सेवक देश का
मुझे देश सेवा करनी है ।
विनोद आनंद, देश प्रेमी
फ्रेन्ड फिलोसोफर गाईड
मोटीवेटर स्पीकर, लेखक
जयभारत,जयहिंदी,जयभारत