1516 शेर शायरीयों का गुलदस्ता-85

🌻 पसंदगी
स्वर्ग का स्वप्न छोड दे
नर्क का डर छोड दे
बूरे स्वभाव को छोड कर
अच्छे स्वभाव से स्वर्ग
बनाने का स्वप्ना देखे ।
तो नर्क का डर भाग
जाएगा । स्वर्ग यही है
और नर्क भी यही है ।
पसंदगी आप कि है
क्या बनाना है ?
🌺शुकून
जिंदगी में शुकून चाहिए तो
अपनों कि बातों को दिल से
मत लगाओ जो कुछ कहेना है वो
हसके के कहेना आवेश नहीं ।
अपनों को अपना समजना
और विश्वास रखना, न करना
शिकायत, न देना अवसर
शिकायत का तो मिलेगा शुकून ।
🌹 समजदार
कोई भी चिज़ कि किंमत उसे
पूछो जिस के पास वो चिज़
बहुत हि कम है या नहिं है ।
कोई भी चिज़ किंमत उसे
नहि है जिस के पास बहुत है ।
ईन्सान वो हि समजदार है
जो हर एक चिज़ कि सही
किंमत समजे, चिज़े चाहे कम
हो या ज्यादा या चिज़े न हो ।
विनोद आनंद 03/03/2019
फ्रेन्ड,फिलोसोफर,गाईड

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